।। दोहा ।।
नमो कामदेवाय नमः, शृंगार देव माई।
ज्ञान वैराग्य सर्व फल, होय तुम्हारी दाई।।
।। चौपाई ।।
जय जय श्री कामदेव महारा, सृष्टि में तुम्हारा नाम हमारा।
प्रेम, शृंगार, काम सुख दाई, संसार में सबको मोहमाई।।
तन मन में तुम उठाओ ज्वाला, प्रेम बाण से छेड़े खेल सारा।
शिव-पार्वती तुम्हारे पुजारी, सृष्टि तुम्हारे बिना नहीं सारी।।
रति संग रहो तुम सदैव साथ, करे प्रेम सब जगह अनाथ।
युवावस्था में तुम ही बसो, जीवन में प्रेम रस भरो।।
हर दिल में उठाओ प्रेम की लहर, दंपति जीवन में लाओ सुख कर।
सपने सजाओ प्यार भरे, हर मन में मिलन के दीप जले।।
तुम्हारा ध्यान जो करते सच्चा, पाते प्रेम-प्रसाद से सब सच्चा।
कलेश दूर कर दिल को मिलाओ, प्रेम में बसा जीवन साजाओ।।
प्रेम बिना जीवन सूना है, तुम्हारे बिना सब कुछ दूना है।
कामदेव, प्रेम में शक्ति भरो, सबके जीवन में तुम रंग भरो।।
।। दोहा ।।
जो कोई कामदेव का ध्यान लगाए,
वो प्रेम सुख का फल पाए।
कलेश मिटे, हो सुख ही सुख,
घर में बसें प्रेम की ललक।।