ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।

पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥

तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली ।

दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥

॥ ॐ जय दूलह देवा…॥ अंधड़नि खे दिनव,

अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं । पाए मन जूं मुरादूं,

सेवक कनि थारू ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

फल फूलमेवा सब्जिऊ, पोखनि मंझि पचिन ।

तुहिजे महिर मयासा अन्न, बि आपर अपार थियनी ॥

॥ ॐ जय दूलह देवा…॥ ज्योति जगे थी जगु में,

लाल तुहिंजी लाली । अमरलाल अचु मूं वटी,

हे विश्व संदा वाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

जगु जा जीव सभेई, पाणिअ बिन प्यास ।

जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥

ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।

पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥

श्री झूलेलाल की आरती - Jhulelal Aarti

Jhulelal Aarti - श्री झूलेलाल की आरती

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