।। दोहा ।।

श्री इंद्र देव सब सुख करें, भक्तों का उद्धार।

दीन-दुखियों के तुम हो पालन, करो सदा उद्धार॥

।। चौपाई ।।

जय जय इंद्र देव महाबली, स्वर्ग के राजा तुम नंदलाली॥१॥

तुमसे चलता है जग सारा, सबको देते हो तुम सहारा॥२॥

वज्रधारी तुम बलशाली, तुमसे डरते हैं सब मतवाली॥३॥

सुर-नर-मुनि करें गुणगान, तुम्हीं हो जग के पालनहार॥४॥

मेघों के तुम हो अधिपति, धरती पर वर्षा का वरदान॥५॥

सभी जीवों की रक्षा करते, तुम्हीं हो सृष्टि के कर्ताधर्ता॥६॥

वज्र तुम्हारा सबको बचाये, जो भी इसे सुमिरन में लाये॥७॥

तुम्हारी कृपा से वर्षा हो, धरती पर हरियाली छा जाये॥८॥

स्वर्ग के तुम हो महाराजा, सभी देवता तुम्हारे सेवक ॥९॥

तुम्हारे दरबार में सब आकर, पाते हैं सुख-शांति का वरदान॥१०॥

तुमसे प्राप्त होती है शक्ति, हर संकट से रक्षा करते ॥११॥

भक्तों के तुम हो सखा, तुम्हारे बिना जीवन न सधा॥१२॥

तुम्हारी कृपा से मिलता है सुख, हर दिन की शुरुआत हो तुम्हारे नाम से॥१३॥

संकट से बचने की हो आस, तुम्हारी वंदना से हो जीवन ख़ास॥१४॥

तुम हो वज्र के स्वामी, तुमसे बड़ा नहीं कोई ज्ञानी॥१५॥

सभी देवता तुम्हें नमन करें, तुम्हारी महिमा का गान करें॥१६॥

जो भी पढ़े यह इंद्र चालीसा, उसके जीवन में न हो कलेश॥१७॥

दुख-दरिद्र सभी दूर हो जाए, जीवन में सुख-समृद्धि आए॥१८॥

करते हैं तुम्हारी हम वंदना, तुम्हारे चरणों में सिर झुकायें॥१९॥

हमारे जीवन की नैया पार करो, हर संकट से हमें उबारो॥२०॥

जय जय इंद्र देव महाबली, स्वर्ग के राजा तुम नंदलाली॥२१॥

तुमसे चलता है जग सारा, सबको देते हो तुम सहारा॥२२॥

।। दोहा ।।

श्री इंद्र देव सब सुख करें, भक्तों का उद्धार।

दीन-दुखियों के तुम हो पालन, करो सदा उद्धार॥

इंद्र देव चालीसा हिंदी में पढ़े - इंद्र देव चालीसा

श्री इंद्र देव चालीसा Indra Dev Chalisa

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